2. महिलाओं की समस्याओं के पीछे सामाजिक एवं पारिवारिक कािक
दोनों िी सक्रिय िैं । न के वल वि समाि द्वािा िी शोषित एवं पीड़ित
िोती िैं अषपतु पारिवारिक सदस्यों द्वािा भी ।
ननम्न मध्यम श्रेणी से आई िुई महिलाएँ िोक्रक अपने परिवािो का
प्रमुख रूप से भिण-पोिण किती िैं लैंगिक दुर्वययविाि को खामोशी
से औि बिना षविोध क्रकये सिन किती ििती िै ।
3. महिलाओं औि लिक्रकयों के खखलाफहिंसा में षवभभन्न प्रकाि
का हिंसक औि अपमानिनक र्वयविाि शाभमल िोता िै:
••घिेल ू हिंसा
••िििन षववाि
••दिेज़ से संिंगधत दरु ूर्वयविाि
••महिलाओ ूंका िननेद्री य अिं च्छेदन/िननांि को
काटना (महिला खतना)
••सम्मान के आधाि पि हिंसा – सम्मान के नाम पि
अपिाध
••यौन हिंसा
••िलात्काि
••यौन िमला
••पीछा किना औि उत्पीिन
6. उत्ति प्रदेश, मिािाष्ट्र औि पजचिम िंिाल में
िमश: 2015 में महिलाओं के खखलाफ सिसे
अपिाधों की सिना दी, 35,527, 31,126 औि
33,218 मामलों के साथ।
7. यद्यषप महिलाओं के षवरुद्ध हिंसा को िोकने के भलए अनेक स्वयंसेवी
संस्थायें स्थाषपत की िई िैं, उनके भलए अदालतें िनाई िई िैं क्रकन्तु
ये ननजचित रूप से काििि निीं िो पा ििी िैं क्योंक्रक इन्िें भी अनेक
समस्याओं का सामना किना पिता िै I
अिि महिलाओं का मौका हदया िाए तो वि अपनी क्षमता
को साबित कि सकती िैं। िाष्ट्र को सशक्त िनाने में िाष्ट्र
के नािरिकों का अिम योिदान िोता िै औि उन नािरिकों
को िनाने में महिलाओं का अिम योिदान िोता िै I
8. यहद आप कभी भी मिसस किें क्रक आपकोतत्काल खतिा िै, तो 999
पर पुललस को कॉल किें। पुभलस को कॉल किने में डिें निीं। सभी
प्रकाि की घिेल औि यौन हिंसा औि नुकसानदेि प्रथाएँ िंभीि अपिाध
िैं I