SlideShare a Scribd company logo
1 of 13
Download to read offline
महादेवी वमार
आकर्ष र रावत
कर्क्षा : 7 बी
महादेवी वमार कर्ा जन्म 26 माच,र, 1907 कर्ो होली कर्े िदन फरुखाबाद (उत्तर
प्रदेश) में हुआ था। उनकर्ी प्रारंभिभिकर् िशक्षा िमशन स्कर्ूल, इंभदौर में हुई। महादेवी
1929 में बौद्ध दीक्षा लेकर्र िभिक्षुणी बनना च,ाहतीं थीं, लेिकर्न महात्मा गांभधी कर्े
संभपर्कर्र में आने कर्े बाद वह समाज-सेवा में लग गईं।  1932 में इलाहाबाद
िवश्वविवद्यालय से संभस्कर्ृत में एम.ए कर्रने कर्े पर्श्चात उन्होने नारी िशक्षा प्रसार कर्े
मंभतव्य से प्रयाग मिहला िवद्यापर्ीठ कर्ी स्थापर्ना कर्ी व उसकर्ी प्रधानाच,ायर कर्े रुपर्
में कर्ायररत रही।
11 िसतंभबर, 1987 कर्ो इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में उनकर्ा िनधन हो गया।
िहन्दी कर्ी सवारिधकर् प्रितभिावान कर्वियित्रियों में से हैं। वे िहन्दी
सािहत्य में छायावादी युग कर्े च,ार प्रमुख स्तंभभिों में से एकर् मानी जाती
हैं। आधुिनकर् िहन्दी कर्ी सबसे सशक्त कर्वियित्रियों में से एकर् होने कर्े
कर्ारण उन्हें आधुिनकर् मीरा कर्े नाम से भिी जाना जाता है। कर्िव
िनराला ने उन्हें “हिहन्दी कर्े िवशाल मिन्दर कर्ी सरस्वती” भिी कर्हा है।
महादेवी ने स्वतंभत्रिता कर्े पर्हले कर्ा भिारत भिी देखा और उसकर्े बाद कर्ा
भिी। न कर्ेवल उनकर्ा कर्ाव्य बिल्कर् उनकर्े सामाजसुधार कर्े कर्ायर और
मिहलाओं कर्े प्रित च,ेतना भिावना भिी इस दृिष्टि से प्रभिािवत रहे।
जन्म और पर्िरवार
महादेवी कर्ा जन्म 26 माच,र 1907 कर्ो प्रातः 8 बजे फ़र्रुरख़ाबाद 
उत्तर प्रदेश, भिारत में हुआ। उनकर्े पर्िरवार में लगभिग 200 वष ों या
सात पर्ीिढ़ियों कर्े बाद पर्हली बार पर्ुत्रिी कर्ा जन्म हुआ था। अतः बाबा
बाबू बाँकर्े िवहारी जी हष र से झूम उठे और इन्हें घर कर्ी देवी —
महादेवी मानते हुए पर्ुत्रिी कर्ा नाम महादेवी रखा।
िशका
महादेवी जी की िशका इंदौर में िमशन स्कूल से प्रारम्भ हुई साथ ही संस्कृत, अंग्रेज़ी, संगीत तथा 
िचित्रकला की िशका अध्यापकों द्वारा घर पर ही दी जाती रही। 1921 में महादेवी जी ने आठवीं
कका में प्रान्त भर में प्रथम स्थान प्राप्त िकया। यहीं पर उन्होंने अपने काव्य जीवन की शुरुआत की।
वे सात वष र्ष की अवस्था से ही किवता िलखने लगी थीं और 1925 तक जब उन्होंने मैट्रिक ट्रिक की
परीका उत्तीण र्ष की, वे एक सफल कवियत्री के रूप में प्रिसद्ध हो चिुकी थीं।
1932 में जब उन्होंने इलाहाबाद िवश्वविवद्यालय से संस्कृत में एम॰ए॰ पास िकया तब तक उनके
दो किवता ग्रह नीहार तथा रिशम प्रकािशत हो चिुके थे।
वैट्रवािहक जीवन
सन् 1916 में उनके बाबा श्री बाँके िवहारी ने इनका िववाह बरेली के पास नबाव गंज कस्बे के
िनवासी श्री स्वरूप नारायण  वमार्ष से कर िदया, जो उस समय दसवीं कका के िवद्याथी थे। श्रीमती
महादेवी वमार्ष को िववािहत जीवन से िवरिक्ति थी।
महादेवी जी का जीवन तो एक संन्यािसनी का जीवन था ही। उन्होंने जीवन भर श्ववेत वस्त्र पहना,
तख्त पर सोईं और कभी शीशा नहीं देखा। सन् 1966 में पित की मृत्यु के बाद वे स्थाई रूप से
इलाहाबाद में रहने लगीं।
कायर्षकेत्र
महादेवी का कायर्षकेत्र लेखन, संपादन और अध्यापन रहा। उन्होंने इलाहाबाद में प्रयाग मिहला िवद्यापीठ के
िवकास में महत्वपूण र्ष योगदान िकया। यह कायर्ष अपने समय में मिहला-िशका के केत्र में क्रांितकारी कदम था।
इसकी वे प्रधानाचिायर्ष एवं कुलपित भी रहीं। 1932 में उन्होंने मिहलाओं की प्रमुख पित्रका ‘चिाँद’का
कायर्षभार संभाला। 1930 में नीहार, 1932 में रिशम, 1934 में नीरजा, तथा 1936 में सांध्यगीत नामक
उनके चिार किवता संग्रह प्रकािशत हुए। 1939 में इन चिारों काव्य संग्रहों को उनकी कलाकृितयों के साथ
वृहदाकार में यामा शीष र्षक से प्रकािशत िकया गया। इसके अितिक रक्ति उनकी 18 काव्य और गद्य कृितयां हैं
िजनमें मेरा पिक रवार, स्मृित की रेखाएं, पथ के साथी, शृंखला की किडयाँ और अतीत के चिलिचित्र प्रमुख हैं।
सन 1955 में महादेवी जी ने इलाहाबाद में सािहत्यकार संसद की स्थापना की और पंिडित इलाचिंद्र जोशी के
सहयोग से सािहत्यकार का संपादन संभाला।
मृत्यु:
11 िसतंबर 1987 को इलाहाबाद में रात 1 बजकर 30 िमनट
पर उनका देहांत हो गया।
१. नीहार (1930)
२. रिश्म (1932)
३. नीरजा (1934)
४. सांध्यगीत (1936)
 ५. दीपशिशिखा (1942)
 ६. सप्तपशणार (अनूदिदत-1959)
 ७. प्रथम आयाम (1974)
 ८. अिग्निरेखा (1990)
महादेवी जी कवियत्री होने के साथ-साथ िविशिष्ट गद्यकार भी थीं। उनकी कृतितयाँ इस प्रकार हैं।
किवता संगह
महादेवी वमार का गद्य सािहतय
रेखािचत्र: अतीत के चलचिचत्र (1941) और स्मृतित की रेखाएं (1943),
संस्मरण: पशथ के साथी (1956) और मेरा पशिरवार (1972 और संस्मरण (1983)
चुने हए भाषणो का संकलचन: संभाषण (1974)
िनबंध: शिृतंखलचा की किड़ियाँ (1942), िववेचनातमक गद्य (1942), सािहतयकार की आस्था तथा अन्य िनबंध (1962), संकिल्पशता (1969)
लचिलचत िनबंध: क्षणदा (1956)
कहािनयाँ: िगल्लचूद
संस्मरण, रेखािचत्र और िनबंधो का संगह: िहमालचय (1963),
अन्य िनबंध में संकिल्पशता तथा िविवध संकलचनो में स्मािरका, स्मृतित िचत्र, संभाषण, संचयन, दृतिष्टबोध उल्लचेखनीय हैं। वे अपशने समय की
लचोकिप्रय पशित्रका ‘चाँद’ तथा ‘सािहतयकार’ मािसक की भी संपशादक रहीं। िहन्दी के प्रचार-प्रसार के िलचए उन्होने प्रयाग में ‘सािहतयकार
संसद’ और रंगवाणी नाट्य संस्था की भी स्थापशना की।
महादेवी वमार का बालच सािहतय
महादेवी वमार की बालच किवताओं के दो संकलचन छपशे हैं।
ठाकुरजी भोलचे हैं
आज खरीदेंगे हम ज्वालचा
पशुरस्कार व सममान
उन्हें प्रशिासिनक, अधरप्रशिासिनक और व्यक्तिक्तिगत सभी संस्थाओँ से पशुरस्कार व सममान िमलचे।
1943 में उन्हें ‘मंगलचाप्रसाद पशािरतोिषक’ एवं ‘भारत भारती’ पशुरस्कार से सममािनत िकया गया। स्वाधीनता प्रािप्त के बाद
1952 में वे उत्तर प्रदेशि िवधान पशिरषद की सदस्या मनोनीत की गयीं। 1956 में भारत सरकार ने उनकी सािहितयक सेवा के
िलचये ‘पशद्म भूदषण’ की उपशािध दी। 1971 में सािहतय अकादमी की सदस्यता गहण करने वालची वे पशहलची मिहलचा थीं 1988 में
उन्हें मरणोपशरांत भारत सरकार की पशद्म िवभूदषण उपशािध से सममािनत िकया गया।
सन 1969 में िवक्रम िवश्वविवद्यालचय, 1977 में कुमाऊं िवश्वविवद्यालचय, नैनीतालच, 1980 में िदल्लची िवश्वविवद्यालचय तथा 1984
में बनारस िहदूद िवश्वविवद्यालचय, वाराणसी ने उन्हें डी.िलचट की उपशािध से सममािनत िकया।
इससे पशूदवर महादेवी वमार को ‘नीरजा’ के िलचये 1934 में ‘सक्सेिरया पशुरस्कार’, 1942 में ‘स्मृतित की रेखाएँ’ के िलचये ‘
िद्विवेदी पशदक’ प्राप्त हए। ‘यामा’ नामक काव्यक्त संकलचन के िलचये उन्हें भारत का सवोच्च सािहितयक सममान ‘ज्ञानपशीठ पशुरस्कार’
 प्राप्त हआ। वे भारत की 50 सबसे यशिस्वी मिहलचाओं में भी शिािमलच हैं।
1968 में सुप्रिसद्ध भारतीय िफ़िल्मकार मृतणालच सेन ने उनके संस्मरण ‘वह चीनी भाई’ पशर एक बांग्लचा िफ़िल्म का िनमारण िकया
था िजसका नाम था नीलच आकाशिेर नीचे।
16 िसतंबर 1991 को भारत सरकार के डाकतार िवभाग ने जयशिंकर प्रसाद के साथ उनके सममान में 2 रुपशए का एक युगलच
िटकट भी जारी िकया है।
धन्यवाद
आकर्ष र रावत
कर्क्षा : 7 बी

More Related Content

What's hot

मुंशी प्रेमचंद
मुंशी प्रेमचंदमुंशी प्रेमचंद
मुंशी प्रेमचंदMalhar Jadav
 
presentation on hindi literature
presentation on hindi literaturepresentation on hindi literature
presentation on hindi literaturerafseena s v s v
 
Presentation on sant kabir and meera bai
Presentation on sant kabir and meera baiPresentation on sant kabir and meera bai
Presentation on sant kabir and meera baicharu mittal
 
Presentation on Mahadevi Verma
Presentation on Mahadevi Verma Presentation on Mahadevi Verma
Presentation on Mahadevi Verma TarunNirwan
 
hindi project for class 10
hindi project for class 10hindi project for class 10
hindi project for class 10Bhavesh Sharma
 
Hindi project work - by sana rajar
Hindi project work - by sana rajarHindi project work - by sana rajar
Hindi project work - by sana rajarsanarajar786
 
नेताजी सुभाषचंद्र बोस
नेताजी सुभाषचंद्र बोसनेताजी सुभाषचंद्र बोस
नेताजी सुभाषचंद्र बोसPunam Dash
 
All about br ambedkar
All  about  br ambedkarAll  about  br ambedkar
All about br ambedkarKiran Varma
 
ramdhari sinh dinkar
ramdhari sinh dinkarramdhari sinh dinkar
ramdhari sinh dinkarrazeen001
 
हिंदी परियोजना कार्य
हिंदी परियोजना कार्यहिंदी परियोजना कार्य
हिंदी परियोजना कार्यkaran saini
 
hindi project work class 11- apu ke saath dhai saal
 hindi project work class 11- apu ke saath dhai saal hindi project work class 11- apu ke saath dhai saal
hindi project work class 11- apu ke saath dhai saalAkash dixit
 
जयशंकर प्रसाद
जयशंकर प्रसादजयशंकर प्रसाद
जयशंकर प्रसादArushi Tyagi
 
Ncert books class 9 hindi
Ncert books class 9 hindiNcert books class 9 hindi
Ncert books class 9 hindiSonam Sharma
 

What's hot (20)

मुंशी प्रेमचंद
मुंशी प्रेमचंदमुंशी प्रेमचंद
मुंशी प्रेमचंद
 
Harivansh rai bachchan
Harivansh rai bachchanHarivansh rai bachchan
Harivansh rai bachchan
 
bhagwaan ke dakiye
bhagwaan ke dakiyebhagwaan ke dakiye
bhagwaan ke dakiye
 
presentation on hindi literature
presentation on hindi literaturepresentation on hindi literature
presentation on hindi literature
 
Presentation on sant kabir and meera bai
Presentation on sant kabir and meera baiPresentation on sant kabir and meera bai
Presentation on sant kabir and meera bai
 
kabir das
kabir daskabir das
kabir das
 
Presentation on Mahadevi Verma
Presentation on Mahadevi Verma Presentation on Mahadevi Verma
Presentation on Mahadevi Verma
 
hindi project for class 10
hindi project for class 10hindi project for class 10
hindi project for class 10
 
Meerabai
MeerabaiMeerabai
Meerabai
 
Hindi project work - by sana rajar
Hindi project work - by sana rajarHindi project work - by sana rajar
Hindi project work - by sana rajar
 
नेताजी सुभाषचंद्र बोस
नेताजी सुभाषचंद्र बोसनेताजी सुभाषचंद्र बोस
नेताजी सुभाषचंद्र बोस
 
All about br ambedkar
All  about  br ambedkarAll  about  br ambedkar
All about br ambedkar
 
ramdhari sinh dinkar
ramdhari sinh dinkarramdhari sinh dinkar
ramdhari sinh dinkar
 
Kabir das
Kabir dasKabir das
Kabir das
 
Rabindranath Tagore
Rabindranath TagoreRabindranath Tagore
Rabindranath Tagore
 
हिंदी परियोजना कार्य
हिंदी परियोजना कार्यहिंदी परियोजना कार्य
हिंदी परियोजना कार्य
 
hindi project work class 11- apu ke saath dhai saal
 hindi project work class 11- apu ke saath dhai saal hindi project work class 11- apu ke saath dhai saal
hindi project work class 11- apu ke saath dhai saal
 
जयशंकर प्रसाद
जयशंकर प्रसादजयशंकर प्रसाद
जयशंकर प्रसाद
 
Premchand
PremchandPremchand
Premchand
 
Ncert books class 9 hindi
Ncert books class 9 hindiNcert books class 9 hindi
Ncert books class 9 hindi
 

Similar to महादेवि वेर्मा

Mahadevi varma in hindi report
Mahadevi varma in hindi reportMahadevi varma in hindi report
Mahadevi varma in hindi reportRamki M
 
Subhash Chandra Bose PPT in Hindi Class 10th
Subhash Chandra Bose PPT in Hindi Class 10thSubhash Chandra Bose PPT in Hindi Class 10th
Subhash Chandra Bose PPT in Hindi Class 10thRahul Kumar
 
कला एकीकृत परियोजना(AIP)-बिहार के हिंदी साहित्यकार.pptx
कला एकीकृत परियोजना(AIP)-बिहार के हिंदी साहित्यकार.pptxकला एकीकृत परियोजना(AIP)-बिहार के हिंदी साहित्यकार.pptx
कला एकीकृत परियोजना(AIP)-बिहार के हिंदी साहित्यकार.pptxsuchoritabhandari
 
Lal Bahadur Shastri
Lal Bahadur ShastriLal Bahadur Shastri
Lal Bahadur ShastriKapil Luthra
 
लाल बहादुर शास्त्री
लाल बहादुर शास्त्रीलाल बहादुर शास्त्री
लाल बहादुर शास्त्रीKapil Luthra
 
हिंदी परीयोजना
हिंदी परीयोजनाहिंदी परीयोजना
हिंदी परीयोजनाJayanthi Rao
 
Emailing Presentation1 HINDI 2 SHIVANI.pdf
Emailing Presentation1 HINDI 2 SHIVANI.pdfEmailing Presentation1 HINDI 2 SHIVANI.pdf
Emailing Presentation1 HINDI 2 SHIVANI.pdfBittuJii1
 
Art Integrated Project HINDI CBSE CLASS 9
Art Integrated Project HINDI CBSE CLASS 9Art Integrated Project HINDI CBSE CLASS 9
Art Integrated Project HINDI CBSE CLASS 9sparkcbsecomputersci
 
हिंदी के महान लेखक.pptx
हिंदी के महान लेखक.pptxहिंदी के महान लेखक.pptx
हिंदी के महान लेखक.pptxNisha Yadav
 
PRABHAT KUMAR JHA(XI-B).pptx
PRABHAT KUMAR JHA(XI-B).pptxPRABHAT KUMAR JHA(XI-B).pptx
PRABHAT KUMAR JHA(XI-B).pptxPrabhatJha87
 

Similar to महादेवि वेर्मा (20)

Hindi ppt
Hindi pptHindi ppt
Hindi ppt
 
Aditya hindi
Aditya hindiAditya hindi
Aditya hindi
 
Aditya hindi
Aditya hindiAditya hindi
Aditya hindi
 
Aditya hindi
Aditya hindiAditya hindi
Aditya hindi
 
hindi ppt
hindi ppthindi ppt
hindi ppt
 
Mahadevi varma in hindi report
Mahadevi varma in hindi reportMahadevi varma in hindi report
Mahadevi varma in hindi report
 
Subhash Chandra Bose PPT in Hindi Class 10th
Subhash Chandra Bose PPT in Hindi Class 10thSubhash Chandra Bose PPT in Hindi Class 10th
Subhash Chandra Bose PPT in Hindi Class 10th
 
Bahd 06-block-04 (1)
Bahd 06-block-04 (1)Bahd 06-block-04 (1)
Bahd 06-block-04 (1)
 
कला एकीकृत परियोजना(AIP)-बिहार के हिंदी साहित्यकार.pptx
कला एकीकृत परियोजना(AIP)-बिहार के हिंदी साहित्यकार.pptxकला एकीकृत परियोजना(AIP)-बिहार के हिंदी साहित्यकार.pptx
कला एकीकृत परियोजना(AIP)-बिहार के हिंदी साहित्यकार.pptx
 
Prakhar sharma
Prakhar sharmaPrakhar sharma
Prakhar sharma
 
Lal Bahadur Shastri
Lal Bahadur ShastriLal Bahadur Shastri
Lal Bahadur Shastri
 
लाल बहादुर शास्त्री
लाल बहादुर शास्त्रीलाल बहादुर शास्त्री
लाल बहादुर शास्त्री
 
हिंदी परीयोजना
हिंदी परीयोजनाहिंदी परीयोजना
हिंदी परीयोजना
 
Hindi
HindiHindi
Hindi
 
Emailing Presentation1 HINDI 2 SHIVANI.pdf
Emailing Presentation1 HINDI 2 SHIVANI.pdfEmailing Presentation1 HINDI 2 SHIVANI.pdf
Emailing Presentation1 HINDI 2 SHIVANI.pdf
 
Art Integrated Project HINDI CBSE CLASS 9
Art Integrated Project HINDI CBSE CLASS 9Art Integrated Project HINDI CBSE CLASS 9
Art Integrated Project HINDI CBSE CLASS 9
 
हिंदी के महान लेखक.pptx
हिंदी के महान लेखक.pptxहिंदी के महान लेखक.pptx
हिंदी के महान लेखक.pptx
 
Hindi presentation.pptx
Hindi presentation.pptxHindi presentation.pptx
Hindi presentation.pptx
 
PRABHAT KUMAR JHA(XI-B).pptx
PRABHAT KUMAR JHA(XI-B).pptxPRABHAT KUMAR JHA(XI-B).pptx
PRABHAT KUMAR JHA(XI-B).pptx
 
hindi project ppt
hindi project ppthindi project ppt
hindi project ppt
 

महादेवि वेर्मा

  • 1. महादेवी वमार आकर्ष र रावत कर्क्षा : 7 बी
  • 2. महादेवी वमार कर्ा जन्म 26 माच,र, 1907 कर्ो होली कर्े िदन फरुखाबाद (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। उनकर्ी प्रारंभिभिकर् िशक्षा िमशन स्कर्ूल, इंभदौर में हुई। महादेवी 1929 में बौद्ध दीक्षा लेकर्र िभिक्षुणी बनना च,ाहतीं थीं, लेिकर्न महात्मा गांभधी कर्े संभपर्कर्र में आने कर्े बाद वह समाज-सेवा में लग गईं।  1932 में इलाहाबाद िवश्वविवद्यालय से संभस्कर्ृत में एम.ए कर्रने कर्े पर्श्चात उन्होने नारी िशक्षा प्रसार कर्े मंभतव्य से प्रयाग मिहला िवद्यापर्ीठ कर्ी स्थापर्ना कर्ी व उसकर्ी प्रधानाच,ायर कर्े रुपर् में कर्ायररत रही। 11 िसतंभबर, 1987 कर्ो इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में उनकर्ा िनधन हो गया।
  • 3. िहन्दी कर्ी सवारिधकर् प्रितभिावान कर्वियित्रियों में से हैं। वे िहन्दी सािहत्य में छायावादी युग कर्े च,ार प्रमुख स्तंभभिों में से एकर् मानी जाती हैं। आधुिनकर् िहन्दी कर्ी सबसे सशक्त कर्वियित्रियों में से एकर् होने कर्े कर्ारण उन्हें आधुिनकर् मीरा कर्े नाम से भिी जाना जाता है। कर्िव िनराला ने उन्हें “हिहन्दी कर्े िवशाल मिन्दर कर्ी सरस्वती” भिी कर्हा है। महादेवी ने स्वतंभत्रिता कर्े पर्हले कर्ा भिारत भिी देखा और उसकर्े बाद कर्ा भिी। न कर्ेवल उनकर्ा कर्ाव्य बिल्कर् उनकर्े सामाजसुधार कर्े कर्ायर और मिहलाओं कर्े प्रित च,ेतना भिावना भिी इस दृिष्टि से प्रभिािवत रहे।
  • 4. जन्म और पर्िरवार महादेवी कर्ा जन्म 26 माच,र 1907 कर्ो प्रातः 8 बजे फ़र्रुरख़ाबाद  उत्तर प्रदेश, भिारत में हुआ। उनकर्े पर्िरवार में लगभिग 200 वष ों या सात पर्ीिढ़ियों कर्े बाद पर्हली बार पर्ुत्रिी कर्ा जन्म हुआ था। अतः बाबा बाबू बाँकर्े िवहारी जी हष र से झूम उठे और इन्हें घर कर्ी देवी — महादेवी मानते हुए पर्ुत्रिी कर्ा नाम महादेवी रखा।
  • 5. िशका महादेवी जी की िशका इंदौर में िमशन स्कूल से प्रारम्भ हुई साथ ही संस्कृत, अंग्रेज़ी, संगीत तथा  िचित्रकला की िशका अध्यापकों द्वारा घर पर ही दी जाती रही। 1921 में महादेवी जी ने आठवीं कका में प्रान्त भर में प्रथम स्थान प्राप्त िकया। यहीं पर उन्होंने अपने काव्य जीवन की शुरुआत की। वे सात वष र्ष की अवस्था से ही किवता िलखने लगी थीं और 1925 तक जब उन्होंने मैट्रिक ट्रिक की परीका उत्तीण र्ष की, वे एक सफल कवियत्री के रूप में प्रिसद्ध हो चिुकी थीं। 1932 में जब उन्होंने इलाहाबाद िवश्वविवद्यालय से संस्कृत में एम॰ए॰ पास िकया तब तक उनके दो किवता ग्रह नीहार तथा रिशम प्रकािशत हो चिुके थे।
  • 6. वैट्रवािहक जीवन सन् 1916 में उनके बाबा श्री बाँके िवहारी ने इनका िववाह बरेली के पास नबाव गंज कस्बे के िनवासी श्री स्वरूप नारायण वमार्ष से कर िदया, जो उस समय दसवीं कका के िवद्याथी थे। श्रीमती महादेवी वमार्ष को िववािहत जीवन से िवरिक्ति थी। महादेवी जी का जीवन तो एक संन्यािसनी का जीवन था ही। उन्होंने जीवन भर श्ववेत वस्त्र पहना, तख्त पर सोईं और कभी शीशा नहीं देखा। सन् 1966 में पित की मृत्यु के बाद वे स्थाई रूप से इलाहाबाद में रहने लगीं।
  • 7. कायर्षकेत्र महादेवी का कायर्षकेत्र लेखन, संपादन और अध्यापन रहा। उन्होंने इलाहाबाद में प्रयाग मिहला िवद्यापीठ के िवकास में महत्वपूण र्ष योगदान िकया। यह कायर्ष अपने समय में मिहला-िशका के केत्र में क्रांितकारी कदम था। इसकी वे प्रधानाचिायर्ष एवं कुलपित भी रहीं। 1932 में उन्होंने मिहलाओं की प्रमुख पित्रका ‘चिाँद’का कायर्षभार संभाला। 1930 में नीहार, 1932 में रिशम, 1934 में नीरजा, तथा 1936 में सांध्यगीत नामक उनके चिार किवता संग्रह प्रकािशत हुए। 1939 में इन चिारों काव्य संग्रहों को उनकी कलाकृितयों के साथ वृहदाकार में यामा शीष र्षक से प्रकािशत िकया गया। इसके अितिक रक्ति उनकी 18 काव्य और गद्य कृितयां हैं िजनमें मेरा पिक रवार, स्मृित की रेखाएं, पथ के साथी, शृंखला की किडयाँ और अतीत के चिलिचित्र प्रमुख हैं। सन 1955 में महादेवी जी ने इलाहाबाद में सािहत्यकार संसद की स्थापना की और पंिडित इलाचिंद्र जोशी के सहयोग से सािहत्यकार का संपादन संभाला।
  • 8. मृत्यु: 11 िसतंबर 1987 को इलाहाबाद में रात 1 बजकर 30 िमनट पर उनका देहांत हो गया।
  • 10. महादेवी वमार का गद्य सािहतय रेखािचत्र: अतीत के चलचिचत्र (1941) और स्मृतित की रेखाएं (1943), संस्मरण: पशथ के साथी (1956) और मेरा पशिरवार (1972 और संस्मरण (1983) चुने हए भाषणो का संकलचन: संभाषण (1974) िनबंध: शिृतंखलचा की किड़ियाँ (1942), िववेचनातमक गद्य (1942), सािहतयकार की आस्था तथा अन्य िनबंध (1962), संकिल्पशता (1969) लचिलचत िनबंध: क्षणदा (1956) कहािनयाँ: िगल्लचूद संस्मरण, रेखािचत्र और िनबंधो का संगह: िहमालचय (1963), अन्य िनबंध में संकिल्पशता तथा िविवध संकलचनो में स्मािरका, स्मृतित िचत्र, संभाषण, संचयन, दृतिष्टबोध उल्लचेखनीय हैं। वे अपशने समय की लचोकिप्रय पशित्रका ‘चाँद’ तथा ‘सािहतयकार’ मािसक की भी संपशादक रहीं। िहन्दी के प्रचार-प्रसार के िलचए उन्होने प्रयाग में ‘सािहतयकार संसद’ और रंगवाणी नाट्य संस्था की भी स्थापशना की।
  • 11. महादेवी वमार का बालच सािहतय महादेवी वमार की बालच किवताओं के दो संकलचन छपशे हैं। ठाकुरजी भोलचे हैं आज खरीदेंगे हम ज्वालचा
  • 12. पशुरस्कार व सममान उन्हें प्रशिासिनक, अधरप्रशिासिनक और व्यक्तिक्तिगत सभी संस्थाओँ से पशुरस्कार व सममान िमलचे। 1943 में उन्हें ‘मंगलचाप्रसाद पशािरतोिषक’ एवं ‘भारत भारती’ पशुरस्कार से सममािनत िकया गया। स्वाधीनता प्रािप्त के बाद 1952 में वे उत्तर प्रदेशि िवधान पशिरषद की सदस्या मनोनीत की गयीं। 1956 में भारत सरकार ने उनकी सािहितयक सेवा के िलचये ‘पशद्म भूदषण’ की उपशािध दी। 1971 में सािहतय अकादमी की सदस्यता गहण करने वालची वे पशहलची मिहलचा थीं 1988 में उन्हें मरणोपशरांत भारत सरकार की पशद्म िवभूदषण उपशािध से सममािनत िकया गया। सन 1969 में िवक्रम िवश्वविवद्यालचय, 1977 में कुमाऊं िवश्वविवद्यालचय, नैनीतालच, 1980 में िदल्लची िवश्वविवद्यालचय तथा 1984 में बनारस िहदूद िवश्वविवद्यालचय, वाराणसी ने उन्हें डी.िलचट की उपशािध से सममािनत िकया। इससे पशूदवर महादेवी वमार को ‘नीरजा’ के िलचये 1934 में ‘सक्सेिरया पशुरस्कार’, 1942 में ‘स्मृतित की रेखाएँ’ के िलचये ‘ िद्विवेदी पशदक’ प्राप्त हए। ‘यामा’ नामक काव्यक्त संकलचन के िलचये उन्हें भारत का सवोच्च सािहितयक सममान ‘ज्ञानपशीठ पशुरस्कार’  प्राप्त हआ। वे भारत की 50 सबसे यशिस्वी मिहलचाओं में भी शिािमलच हैं। 1968 में सुप्रिसद्ध भारतीय िफ़िल्मकार मृतणालच सेन ने उनके संस्मरण ‘वह चीनी भाई’ पशर एक बांग्लचा िफ़िल्म का िनमारण िकया था िजसका नाम था नीलच आकाशिेर नीचे। 16 िसतंबर 1991 को भारत सरकार के डाकतार िवभाग ने जयशिंकर प्रसाद के साथ उनके सममान में 2 रुपशए का एक युगलच िटकट भी जारी िकया है।