5. वे व कय जिन में कक्रय के स थ कमम
क उल्लेख ककय ि त है , उन्हें
सकममक कक्रय कहते है .
िैसे :
कववत हस रही है
6. वे व कय जिन में कक्रय के स थ कमम क
उल्लेख नहीां ककय ि त , उन्हें अकममक
कक्रय कहते है .
िैसे :
सीत भोप बि रही है
7. २ . रचन के आध र पर :
स म न्य
प्रेद्रथमक कक्रय
सांयुक्त कक्रय
न म्ध तु कक्रय
पवमक ललक कक्रय
कृ दांत कक्रय
8. जिस व क्य में एक ही कक्रय पद क प्रयोग
ककय ि ए , उन्हें स म न्य कक्रय कहते हैं
िैसे :
रम सेब ल इ
9. जिस कक्रय से येह ज्ञ त होत है कक करत सवयां क म
न करके ककलस के क म करव त है , उसे परेररथक
कररय के हते है
िैसे :
अध्य वपक मोन को पद तत
10. िब दो य दो से अधधक कक्रय एूँ आपस में लमलकर
एक पर्म कक्रय बन ती है , तोह उसे सांयुक्त कक्रय
कहते हैं
िैसे :
रमेश पद रह है
11. सांज्ञ , सवमन म तथ ववशेषद शब्दों के अांत में
प्रत्ये लग कर िो कक्रय बनती है , उसे
न म्ध तु कक्रय कहते है
िैसे :
रांग – रांगन
ब त – बततय न
शमम - शम मन
12. वेह कक्रय जिसक पर होन दसरी कक्रय से
पवम प य ि त है , उसे पवमक ललक कक्रय
कहते है .
िैसे :
मैं ख कर आय थ