2. जीवन परिचय
भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपतत ए.पी.जे अब्दुल कलाम का पूरा नाम डॉक्टर
अवुल पाककर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम है. यह पहले ऐसे गैर-राजनीततज्ञ
राष्ट्रपतत रहे जजनका राजनीतत में आगमन ववज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में
ददए गए उत्कृ ष्ट्ट योगदान के कारण हुआ. ए.पी.जे अब्दुल कलाम का जन्म
15 अक्टूबर, 1931 को रामेश्वरम, तममलनाडु में हुआ था. इनके वपता
जैनुलाब्दीन एक कम पढ़े-मलखे और गरीब नाववक थे. वह तनयमों के पक्के
और उदार स्वभाव के इंसान थे जो ददन में चार वक्त की नमाज भी पढ़ते
थे. अब्दुल कलाम के वपता अपनी नाव मछु आरों को देकर घर का गुजारा
चलाते थे. पररणामस्वरूप बालक अब्दुल कलाम को अपनी आरंमभक मिक्षा
पूरी करने के मलए घरों में अखबार ववतरण करने का कायय करना पड़ा.
ए.पी.जे अब्दुल कलाम एक बड़े और संयुक्त पररवार में रहते थे.
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3. जीवन परिचय
उनके पररवार के सदस्यों की संख्या का अंदाजा इसी बात से लगाया जा
सकता है कक वह स्वयं पांच भाई एवं पांच बहन थे और घर में तीन
पररवार रहा करते थे. ए.पी.जे अब्दुल कलाम का ववद्याथी जीवन बहुत
कदिनाइयों भरा बीता. जब वह आि-नौ वर्य के रहे होंगे, तभी से उन्होंने
अखबार ववतरण करने का कायय िुरू कर ददया था. वह सुबह 4 बजे उिते
और सबसे पहले गणणत की ट्यूिन के मलए जाते, वहां से आकर वपता के
साथ कु रान िरीफ का अध्ययन करते और कफर अखबार बांटने तनकल
पड़ते. बचपन में ही उन्होंने यह तनश्चय कर मलया था कक उनका लक्ष्य
ववज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में उन्नतत करना ही है, जजसके मलए उन्होंने
कॉलेज में भौततक ववज्ञान ववर्य को चुना. इसके बाद उन्होंने मद्रास
इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से एरोनॉदटकल इंजीतनयररंग की पढ़ाई संपन्न
की.
4. व्यक्तित्व
ए.पी.जे अब्दुल कलाम की प्रततभा के स्तर को इसी बात से समझा जा
सकता है कक वह सीधे ववज्ञान के क्षेत्र से राजनीतत के सवोच्च पद पर
आसीन हुए थे. द्वीप जैसे छोटे से िहर रामेश्वरम में पैदा हुए अब्दुल
कलाम का प्रकृ तत से बहुत जुड़ाव रहा है. इसके पीछे िायद यह कारण भी
हो सकता है कक उनका गृहस्थान स्वयं एक प्राकृ ततक और मनोहारी स्थान
था. बचपन से ही उन्होंने अपनी पढ़ाई को बहुत अधधक अहममयत दी. वह
जानते थे कक उन्हें जीवन में सफल होना है तो पढ़ाई को अनदेखा नहीं
ककया जा सकता. अब्दुल कलाम का व्यजक्तत्व इतना उन्नत है कक वह
सभी धमय, जातत एवं सम्प्प्रदायों के व्यजक्त नज़र आते हैं.
5. ववज्ञान का सफि
सन 1962 में ए.पी.जे अब्दुल कलाम भारतीय अंतररक्ष अनुसंधान संगिन से
जुड़ गए. इसके बाद से ही उन्होंने अपनी सफलता की कहानी गढ़नी िुरू कर
दी. डॉक्टर अब्दुल कलाम को प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में भारत का पहला
स्वदेिी उपग्रह (एस.एल.वी तृतीय) प्रक्षेपास्त्र बनाने का श्रेय हामसल है.
डॉक्टर ए.पी.जे अब्दुल कलाम जुलाई 1992 से ददसम्प्बर 1999 तक रक्षा
मंत्री के ववज्ञान सलाहकार तथा सुरक्षा िोध और ववकास ववभाग के सधचव
रहे. उन्होंने स्रेटेजजक ममसाइल्स मसस्टम का उपयोग आग्नेयास्त्रों के रूप में
ककया. यह भारत सरकार के मुख्य वैज्ञातनक सलाहकार भी रहे !
6. िाजनीति का सफि
डॉक्टर अब्दुल कलाम भारत के ग्यारवें राष्ट्रपतत तनवायधचत हुए थे। इन्हें
भारतीय जनता पाटी समधथयत एन॰डी॰ए॰ घटक दलों ने अपना उम्प्मीदवार
बनाया था जजसका वामदलों के अलावा समस्त दलों ने समथयन ककया। 18
जुलाई 2002 को डॉक्टर कलाम को नब्बे प्रततित बहुमत द्वारा भारत का
राष्ट्रपतत चुना गया था और इन्हें 25 जुलाई 2002 को संसद भवन के
अिोक कक्ष में राष्ट्रपतत पद की िपथ ददलाई गई।
7. उपलक्ब्ियाां
• डॉक्टर अब्दुल कलाम को प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में भारत का
पहला स्वदेिी उपग्रह (एस.एल.वी. तृतीय) प्रक्षेपास्त्र बनाने का श्रेय
हामसल है.
• जुलाई 1980 में इन्होंने रोदहणी उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा के तनकट
स्थावपत ककया था.
• ए.पी.जे अब्दुल कलाम ने पोखरण में दूसरी बार न्यूजक्लयर ववस्फोट
भी परमाणु ऊजाय के साथ ममलाकर ककया. इस तरह भारत ने परमाणु
हधथयार के तनमायण की क्षमता प्राप्त करने में सफलता अजजयत की.
• इसके अलावा डॉक्टर कलाम ने भारत के ववकास स्तर को 2020 तक
ववज्ञान के क्षेत्र में अत्याधुतनक करने के मलए एक ववमिष्ट्ट सोच भी
प्रदान की.
8. सम्मान
लगभग 40 ववश्वववद्यालयों ने उन्हें मानद डॉक्टरेट की उपाधध दी !
ए.पी.जे अब्दुल कलाम को ववज्ञान के क्षेत्र में अपने उत्कृ ष्ट्ट योगदान के मलए
भारत के नागररक सम्प्मान के रूप में 1981 में पद्म भूर्ण, 1990 में पद्म
ववभूर्ण, 1997 में भारत रत्न प्रदान ककए गए !
ए.पी.जे अब्दुल कलाम एक सामान्य पररवार से संबंधधत असमान्य िजख्सयत
के रूप में जाने जाते हैं जजन्होंने एरोनॉदटकल क्षेत्र में भारत को एक नई
ऊं चाई पर पहुंचाया है !
अब्दुल कलाम भािि के पहले ऐसे िाष्ट्रपति हैं जो अवववादहत होने के साथ-
साथ वैज्ञातनक पृष्ट्िभूमम से राजनीतत में आए है. सववपल्ली िािाकृ ष्ट्णन और
डॉक्टर जाककर हुसैन के बाद यह एकमात्र ऐसे िाष्ट्रपति हैं जजन्हें भारत रत्न
ममलने का सम्प्मान राष्ट्रपतत बनने से पूवय ही प्राप्त हो गया था !