2. संसद य राजभाषा स म त
स म त क कायकलाप और ग त व धयां
े (3) इस स म त का कत य होगा क संघ
मु यत:राजभाषा अ ध नयम, 1963 क धारा क राजक य योजन क लए हंद क
े े े योग
4 म द गई ह । सुलभ संदभक लए
े म क गई ग त का पुन वलोकन करे और
राजभाषा अ ध नयम क धारा 4 को नीचे उस पर सफा रश करते हु ए रा प त को
उ ृत कया गया है :
तवेदन तुत करे ।रा प त उस तवेदन
"(1) िजस तार ख को धारा 3 वृ होती
को संसद क हर सदन क सम
े े रखने के
है उससे दस वष क समा के प ात ्
लएआदे श जार करते ह और उसे सभी रा य
राजभाषा क स ब ध म एक स म त, इस
े
सरकार को भजवाया जाता है ।
वषय कासंक प संसद क कसी भी सदन म
े
रा प त क पूव मंजूर से ता वतऔर दोन (4) रा प त उपधारा (3) म नद
सदन ारा पा रत कए जाने पर, ग ठत क तवेदन पर और उसपर रा य सरकार ने
जाएगी । य द कोई मत अ भ य कए ह तो उस
(2) इस स म त म तीस सद य ह गे, पर वचार करने के प ात ् उस सम त
िजनम 20 लोकसभाक सद य ह गे तथा 10
े
3. संसद य राजभाषा स म त
6. स म त के अ य का चु नाव स म त के सद य 8 इसके अ त र वभ न योजन तथा त संबंधी अ य
ारा कया जाता है । पर परा के अनु सार के य गृह मं ी जी वषय मराजभाषा के योग का आकलन करने के उ े य से यह
कोसमय समय पर स म त का अ य चु ना जाता रहा है । भी नणय लयागया था क श ा, व ध एवं वयंसेवी
7. अपने े ण के आधार पर के य सरकार के संगठन , मं ालय / वभाग के स चव आ द जैसे व भ न े
कायालय म ह द के योग से संबं धत ि थ त क समी ा से स ब गणमा य ि य य को मौ खकसा य के लए
करते हु ए स म त ाराअपना तवेदन सफा रश स हत आमं त कया जाए। अभी तक व भ न े के लगभग826
रा प त को तु त कया जाता है ता कके सरकार के ग यमा य ि य स म त के स मु ख सा य दे ने के लए
कायालय को ह द का अ धकतम योग करने के उपि थतहो चु के ह।
लए ो सा हत कया जा सके िजससे संवैधा नक उपबंध के
ल य ा होसक। व तु ि थ त का मू यांकन करने के लए 9 समत ारा के य सरकार के कायालय म ह द के
स म त ने अ य तर क के साथ-साथ के य सरकार के गामी योग क समी ा राजभाषा से स बि धत संवैधा नक
व भ न कायकलाप का नर ण करने काभी नणय लया था। उपब ध , राजभाषाअ ध नयम, 1963 और उसके अ तगत
इस योजन के लए स म त ने तीन उप स म तयांग ठत क बनाए गए नयम क पृ भू मम क जा रह है । सरकार ारा
और भारत सरकार के व भ न मं ालय / वभाग आ द को समय-समय पर जार कए गएत स ब धी प रप /अनु देश
तीन उप स म तय ारा नर ण के उ े य से तीन समूह म आ द को तो स म त यान म रखती ह है साथ ह , चूं क स म त
बांट दया गया।अब तक इन तीन उप स म तय ने के य के वचाराथ वषय का े बहु त यापक है ,इस लए वह
सरकार के कल
ु 8649कायालय का नर ण कया है िजनम व ालय , महा व ालय और व व ालय म श ा
कामा यम, के य सरकार सेवाओं म भत क व ध, के य
4. संसद य राजभाषा स म त
और वभागीय पर ाओं का मा यमआ द जैसे अ य संगत 11. के य सरकार के कायालय म यां क सु वधाओं म
पहलु ओ ं क भी जांच करती रह है । राजभाषानी त क यापकता ह द तथा अं ेजी के योग से स बि धत तवेदन का दूसरा
के व भ न पहलु ओ ं को दे खते हु ए तथा वतमानप रि थ तय को ख ड रा प त जीको जु लाई, 87 म तु त कर दया गया। यह
सामने रखते हु ए स म त ने जून, 1985 और अग त, तवेदन संसद के दोन सदन के पटल पर रखा जा चु का है और
1986 म हु ई अपनी बैठक म नणय लया था क रा प त इसम क गई सफा रश के संबंध म सरकार ारा आव यक
को एक तवेदन दे ने के बजाए उसे व भ न खंड म तु त कारवाई क गई है । इस स ब ध म भी29 माच, 1990 को
कया जाए। येकखंड राजभाषा नी त के पहलू वशेष के संबंध रा प त जी का आदे श राजभाषा वभाग ारा जार कर दया
म हो। गया है ।
10. स म त ने यह भी नणय लया क अपने तवेदन के 12. के य सरकार के कमचा रय के ह द श ण और
पहलेख ड म के य सरकार के कायालय के लए अनु वाद उनके ह द मा यम से श ण आद से स बि धत
यव था औरउसके व भ न पहलु ओ ं क जांच क जाए और यव थाओं के बारे म स म त के तवेदन का तीसरा ख ड
आव यक सफा रश क जाएं। तदनु सार, स म त ने जनवर , फरवर ,
89 म रा प त जी को तु त कयागया। इस संबंध म
87 म रा प त जी को अपने तवेदन का पहला ख ड तु त
04 नव बर, 1991 को रा प त जी का आदे शराजभाषा
कया जो के य सरकार के कायालय म अनु वाद यव था से
वभाग ारा जार कर दया गया है ।
स बि धत है । संसद के दोन सदन के पटल पररखे जाने तथा
13. स म त क तीन उप स म तय ारा जु लाई, 89 तक
रा य सरकार को भेजे जाने के प ात सरकार ारा इसख ड म
क गई सफा रश पर आव यक कारवाई क गई है । इस कएगए नर ण के आधार पर दे श के व भ न भाग म
संबंधम 30 दस बर, 1988 रा प त जी का आदे श राजभाषा सरकार कायालय और उप म आ द म ह द के योग क
वभाग ाराजार कर दया गया है । ि थ त से स बि धत चौथाखंड रा प त जी को नव बर, 89 म
5. संसद य राजभाषा स म त
14. स म त ारा तु त तवेदन का पांचवां खंड वधायन 16. संसद य राजभाषा स म त के तवेदन का सातवां
क भाषा और व भ न यायालय तथा याया धकरण आ द म ख ड 3मई, 2002 को रा प त जी को तु त कया गया।
योग क जाने वाल भाषा से स बि धत है । उ खंड रा प त इस ख ड मस म त ने सरकार काम-काज मे मूल ं प से ह द
जी को माच, 92म तु त कया गया है। इस पर 24 म लेखन काय, व धसंबंधी काय म राजभाषा ह द क
नव बर, 1998 को महाम हमरा प त जी के आदे श जार हो ि थ त, सरकार कामकाज मेराजभाषा के योग हे तु चार-
चु के ह। सार, शास नक और व ीय काय से जु ड़े काशन क ह द
15. संसद य राजभाषा स म त के तवेदन का छठा खंड म उपल धता, रा य मे राजभाषा ह द क ि थ त,वै ीकरण
स म त ारा 27.11.97 को रा प त जी को तु त कया और ह द , क यूटर करण एक चु नौती इ या द वषय
गया है । यह खंडसंघ सरकार के कायालय म ह द के योग, कोसमा हत कर संघ सरकार म ह द के योग क वतमान
संघ तथा रा य सरकार के बीच और संघ तथा संघ रा य े ि थ त के संबंध म अपनी सफा रश तु त क । इस पर 13
के बीच प ाचार म ह द के योगऔर रा य व संघ रा य जु लाई, 2005 कोरा प त जी के आदे श जार हो चु के ह।
े के बीच पर पर प - यवहार म उनक राजभाषाओं के योग 17. दनांक 16 अग त, 2005 को संसद य राजभाषा
से संबं धत है । इसके अ त र , इसम वदे श मि थत के स म त नेमहाम हम रा प त जी को स म त के तवेदन का
सरकार के कायालय म ह द के योग के बारे म भीसमी ा आठवां ख ड सम पत कया। स म त ारा सम पत तवेदन के
क गई है । इस पर 17 सत बर, 2004 को रा प त जी आठव ख ड मे चार भाग ह।पहले भाग म स म त के गठन एवं
के आदे श भी जार हो चु के ह। कायकलाप पर काश डालते हु ए पछले सात ख ड पर क गई
कारवाई तथा आठव ख ड क ं परे खा कोदशाया गया है ।
तवेदन के दूसरे भाग म स म त ारा 01 जनवर , 2002
से 31 माच, 2005 तक कए गए नर ण आ द के
आधारपर ा सूचनाओं का व ेषण कया गया है ।
6. संसद य राजभाषा स म त
राजभाषा अ ध नयम,
1963 क धारा 3(3) राजभाषा 18. स म त स चवालय जो 11 तीन मू त माग, नई
अ ध नयम 1976 के नयम 5( ह द म प ाचार, काशन, द ल मि थत है एक बहु त छोटा कायालय है िजसक धान
कोड-मैनुअल एवं श ण इ या द से संबं धतरा प त जी के स म त क स चव हऔर उनक सहायता के लए तीन अवर
आदे श के अनु पालन क ि थ त का मं ालय एवं स चव एवं अ य का मक ह । येसभी स म त के व भ न
े वारमू यांकन कया गया है । इसके अलावा व भ न नगर कायकलाप म अपे त सहयोग दान करते ह।यह स चवालय
राजभाषाकाया वयन स म तय के साथ वचार- वमश का सार शास नक योजन क से राजभाषा वभाग, गृहमं ालय
भी तु त कयागया है । तवेदन के तीसरे एवं मह वपूण भाग के अधीन आता है ।
म स म त ने के यकायालय ( पु तक क खर द,
क यूटर करण, भत नयम म ह द ानक अ नवायता,
ह द पद क ि थ त, श ण और श ण सं थान मे ह द
मा यम क उपल धता, ह द व ापन पर यय तथा
सावज नकउप म के वा णि यक काय मे ह द के योग
जैसे वषय पर अपनेअनु भव के आधार पर समी ा तु त क
है । तीन भाग म शा मल कएगए व भ न अ याय के
न कष के आधार पर स म त ने तवेदन के चौथे भाग म
अपनी सफा रश तु त क ह।